अनजान रीश्ता Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता

पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से हैं तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़िर भी दोनों के जिने कि निव एक ही हैं तो देखते है आगे क्या होता हैं



              Chapter one 

रोज़ कि तरह आज भी पारुल अपने मोबाइल मे आलार्म बन्द कर रही थी और पांच मिनट के बाद उसकी दोस्त का कोल आता हैं कि वो रेड़ी हो गयी कोलेज के लिए वो जल्दि से उठकर उसे कहती हे कि मे निकल रही हूँ केहने को तो वो बहोत हि खुशमीझाझ इंशान थी लेकिन उसके इस व्यव्हार के पिछे काफ़ि राज़ छुपे हुये थे एसे राज़ जिसे वो आज तक किसी को नहीं बता पायी 



अपनी दोस्त का कॉल काटने के बाद पारुल जल्दि से तेयार हो रहि हे रोज़ कि तरह आज फ़िर से वो लेट हो गयी हे मम्मी को बाय बोलने के बाद वह स्कुटी लेकर अपनी दोस्त नेना के घर पर पहुन्च्ती हे वहां उसे पीकअप  करने के बाद दोनों बस स्टेनड पर पहुन्चते हे इस दोरान पारुल आसमान कि और देखते हुये फ़िर से उसके बारे मे हि सोचती हे इतने सालो मे उसने एसा पहले कभी मेहसुस नहीं किया पुरी रात न सोने के वजह से उसकी आँखें निन्द मे घीरी हुयि हे इतने मे बस आती हे और दोनो बस मे चढ़ जाते हे बस मे वो फ़िर से उसीको देखती हे  




दूसरी और अविनाश जो कि एक सुपरस्टार हे उसके पास सब कुछ हे लाखो लोग उसके दिवाने हे लेकिन इस जगमगाहट के पिछे का अकेलापन कोइ नहीं जान्ता था आज फ़िर से उसे बेस्ट सिन्गर का अवोर्ड मिला जिसे वह अपने दोस्त के साथ पार्टी कर रहा था रोहन जानता था कि अविनाश का मूड ठीक नहीं है इस्लिए वह उसे पुछ ही लेता हे कि क्या हुआ हे तभी अविनाश कुछ भि नहि केह्ता और ड्रिंक करता हे जब बहोत जयादा पिने लगता हे तब रोहन उसे रोक्ता हे और पिने के लिये ना केह्ता हे तभी अविनाश उसे केह्ता हे कि मे और नहि सह सक्ता यह सुन कर रोहन नहीं समज पाता कि  अविनाश क्या केह रहा हे और जेसे हि वो पूछने हि बाला थी कि अविनाश घर के लिये निकल जाता हे और रोहन भी उस्के पिछे जाता हे


पारुल उसकी तसवीर बस मे देखकर वहि रुक जाती हे तभी नैना उसे फ़िर से अपने विचार से बहार ले आती हे और एसे देखकर वह गुस्सा हो जाती हे और उसके एसे उखडे हुए देखकर वह दुखी हो जाती हे जेसे हि पारुल को कुछ पुछ्ने हि वलि थी कि परुल फ़िर से सोन्ग सुन्ते हुये खवाबो कि दुनिया मे जा चुकि थि वह आश्मान कि ओर देखकर मुस्कुरा रही थी और मन हि मन सोच रही थी कि वो खुश होगा जहा भि होगा 



दूसरी और रोहन और अविनाश बहार आते हे और अविनाश को गाडी चलाने से रोहान मना करता हे और खुद गाडी चलाता हे अविनाश दूसरी तरफ चुप्चाप आस्मान कि और तारो को देखकर उसे हि सोच्ता हे कि कोन थी वो हल्कि सि मुस्कुराहट उस्के चेहरे पर आ जाती हे और यह देखकर रोहन  उसे पुछ हि लेता हे कि क्या हुआ हे अविनाश थोड़ी देर खमोश रेह्ता और फ़िर कह्ता हे कि वह खुद भी इस्कि वजह नहीं जान्ता इतना अकेला वह कभि मह्सुस नहीं किया जब सोफ़िया के साथ उसका ब्रेकअप हुआ था पता हे मे उसे जान्ता भी नहि पर फ़िर भी मुजे उसे मिलना हे यह सुन्कर रोहन समज नहीं पाता कि वह किस्कि बात कर रहा हे इस्लिये वह उसे इस बारे मे अविनाश से बात करना चाहता हे